उजड़ा मेरा आशियाना
ना कोई रहा ठिकाना
ऐ मेरे खुदा ..............
गुजरा वो था ज़माना
जब अपना भी था इक ठिकाना ,
ज़लज़ला ऐसा आया ,
आंधी ऐसी चली,
पंच्छी गिरा डाली से...
आशियाँ उड़ा ले साथ चली ........
ऐ मेरे खुदा ..............
कर रहमत अपने बन्दों पर ,
न जर न जेवर , न रहा कोई घर
कोई खता हुई मुझसे जो गर
ऐ मेरे खुदा ................
बीवी की आँखें हैं नम,
दिल में लिए सिसकता इक गम ,
भूख से मासूम रहे हैं बिलख ,
मै हूँ बेजार और बेबस ,
क्या करूँ ,किस से लडूं
तू ही तो है जिस से फ़रियाद करूँ,
ऐ मेरे खुदा .....................
बंदा क्या लाया थे ,जो खोएगा
जब होग्री तेरी रहमत
तू अपने आप ही देगा |
ऐ मेरे खुदा ...............
क्या चाहिए मुझ गरीब को ,
मेरे बिखरे नसीब को,
इक छोटी सी दुनिया ,
जिसमे हो इक अपनी छत
दो टूक रोटी, दो पल चैन |
समझ मेरा भी दर्द.......कर कुछ मेरी मदद .
ऐ मेरे खुदा .....................
ना कोई रहा ठिकाना
ऐ मेरे खुदा ..............
गुजरा वो था ज़माना
जब अपना भी था इक ठिकाना ,
ज़लज़ला ऐसा आया ,
आंधी ऐसी चली,
पंच्छी गिरा डाली से...
आशियाँ उड़ा ले साथ चली ........
ऐ मेरे खुदा ..............
कर रहमत अपने बन्दों पर ,
न जर न जेवर , न रहा कोई घर
कोई खता हुई मुझसे जो गर
ऐ मेरे खुदा ................
बीवी की आँखें हैं नम,
दिल में लिए सिसकता इक गम ,
भूख से मासूम रहे हैं बिलख ,
मै हूँ बेजार और बेबस ,
क्या करूँ ,किस से लडूं
तू ही तो है जिस से फ़रियाद करूँ,
ऐ मेरे खुदा .....................
बंदा क्या लाया थे ,जो खोएगा
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तू अपने आप ही देगा |
ऐ मेरे खुदा ...............
क्या चाहिए मुझ गरीब को ,
मेरे बिखरे नसीब को,
इक छोटी सी दुनिया ,
जिसमे हो इक अपनी छत
दो टूक रोटी, दो पल चैन |
समझ मेरा भी दर्द.......कर कुछ मेरी मदद .
ऐ मेरे खुदा .....................
Thoughts came flowing to my mind while I was looking at Pakistan flood victims photos and I was so much moved by the misery they are undergoing and this is one of them.
ReplyDeleteCompassion for Suffering of Humankind
ReplyDeleteDoes NOT KNOW ANY
BOUNDARIES.
True words from the HEART of a Kind HUMAN BEING
again a good work.... super like.... :)
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