Tuesday, September 7, 2010
LIFE IS BEAUTIFUL: दो टूक
दो टूक
: "उजड़ा मेरा आशियाना ना कोई रहा ठिकाना ऐ मेरे खुदा .............. गुजरा वो था ज़माना जब अपना भी था इक ठिकाना , ज़लज़ला ऐसा आया , आंधी ऐसी च..."
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment